संदीप कुमार मिश्र: आज बिरज में होरी रे रसिया...प्रेम और सौहार्द का त्योहार
होली...होली को लेकर तमाम सवाल आपके मन में होंगे..चलिए आपको बताते हैं कि हमारे
पंचांग और ज्योतिष क्या कहते हैं-
दरअसल
ज्योतिष शास्त्र का कहना है कि होली से पहले गुरुवार से ही किसी भी सुभ कार्य पर
विराम लग जाता है।आपको बता दें कि 14 मार्च से
होलाष्टक लग रहा है।आपको बताते चले कि होलाष्टक होलिका दहन के दिन तक ही रहेगा
लेकिन बाद में भी भद्रा लग जाने के कारण किसी भी शुभ कार्य को नहीं करने की सलाह
दी गई है।
इस लिहाज
से देखें तो चैत्र कृष्ण पक्ष के नवरात्र से ही किसी भी शुभ कार्य की शुरूआत होगी । नवरात्र से ही शुभ मुहूर्त शुरु होंगे
और नव वर्ष चैत्र मास की शुरुआत के साथ 6 अप्रैल इसकी
शुरुआत हो जाएगी।हम सब जानते हैं कि नवरात्र में मां दुर् के नौ रुपों की आराधना
की जाती है।
कहते हैं कि होलाष्टक में किसी
भी प्रकार के शुभ कार्य फलदायी नहीं होते हैं।शुभ विवाह के मुहूर्त भी 15 अप्रैल से होंगे।
इस वर्ष 14 मार्च से 20 मार्च तक
होलाष्टक का स्पस्ट प्रभाव रहेगा।जिसमें किसी भी प्रकार का मंगल पूजन नहीं किया
जाता है। वहीं होलाष्टक खत्म होने के बाद भी भद्रा होने के कारण आगे भी नवरात्र से
पहले कोई शुभ कार्य नहीं होंगे।
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