संदीप कुमार मिश्र : देश का माहौल एक
तरफ अपने वीर जवानो को खोकर गमजदा भी है तो दूसरी तरफ आतंक के माई बाप पाकिस्तान
पर धमाकेदार एयर स्ट्राइक कर गर्व भी कर रहा है।130 करोड़ भारतीयों का सीना गर्व
से चौड़ा भी हो रहा है।ये तो भारत की सैन्य ताकत है, वहीं कुटनीतिक
लिहाज से देखें तो भारतीय वायु सेना के विंग कमांडर अभिनंदन वर्धमान की 50 घंटे
में ही पाकिस्तान से सकुशल घर वापसी राजनैतिक इच्छाशक्ति और ताकत भी दिखाता है।
ऐसे में सभी सियासी पार्टियां कमर कसकर चुनावी रैलियां करने
में जुट गए हैं।साथ ही आरोप प्रत्यारोप का दौर भी शुरु हो गया। प्रधानमंत्री
नरेंद्र मोदी जी तो अपनी चुनावी रैलियों में जिस तरह से राष्ट्रवाद के नारे लगवा
रहे हैं उससे साफ हो गया है कि वर्तमान की मोदी सरकार 2019 के चुनावी समर में
राष्ट्रवाद के मुद्दे के साथ ही उतरेगी।
अब देश के मिजाज की बात करें तो जनता जनार्दन को लगने लगा
है कि देश की रक्षा मोदी सरकार में ही संभव है जिस वजह से कांग्रेस फिलहाल बैक फुट
पर नजर आ रही है क्योंकि जिस प्रकार से कांग्रेसी नेताओं के बयान आ रहे हैं उनके
द्वारा लगातार एयर स्ट्राइक पर सवाल उठाए जा रहे हैं उससे बीजेपी का लाभ होता ही
नजर आ रहा है।लेकिन फिर भी कांग्रेस को लग रहा है कि कुछ दिनों बाद जब सीमा पर
तनाव कम हो जाएगा फिर मोदी सरकार को किसान,रोजगार जैसे अन्य मुद्दों पर घेर लिया
जाएगा।
अब छोटे दलों की बात करें तो उन्हें गठबंधन और महागठबंधन पर
भरोसा है लेकिन बीजेपी के थिंक टैंकों को अच्छी तरह से इस बात का विश्वास है कि इस
बार राष्ट्रवाद देशभक्ति के मुद्दे...जातिवाद पर हावी होकर 2019 में एक बार फिर
केंद्र की सत्ता पर मोदी सरकार की वापसी करवाएंगे। कमोबेश इस बात की तस्दीक सभी
मीडिया चैनल्स और समाचार पत्र भी कर रहे हैं।
दरअसल कश्मीर के पुलवामा में सीआरपीएफ के काफिले पर हुए
आतंकी हमले का जिस प्रकार से हमारी भारतीय वायु सेना ने पाकिस्तान के बालाकोट में घुसकर
हमला किया, उसके बाद से देश में चुनावी मौसम पूरी तरह से बदल गया है।आज देश भर की
एक ही आवाज है पाकिस्तान को करारा जवाब दो। देशवासीयों का यकीन है कि मोदी सरकार ही
पाकिस्तान को घुटने पर ला सकती है और झुका सकती है,लोगों को लगने लगा है कि मोदी सरकार ने सेना को जिस प्रकार
से खुली छूट दी और सार्थक कुटनीतिक प्रयासों से पाकिस्तान को दबा दिया है,उसे टमाटर खाने से महरुम करने के साथ ही उसका दाना पानी तक बंद कर दिया है।इस वजह से
पाकिस्तान आगे से भारत में आतंकवादी भेजने से पहले हजार बार सोचेगा।लेकिन कौन कहे
कि पाकिस्तान है कुत्ते की पूंछ....खैर,
2019 के चुनावी समर की बात करें तो मोदी सरकार किसानों के
खाते में छह हजार रुपये सालाना भेजना और सामान्य वर्ग को दस फीसद आरक्षण देने के
साथ मुद्रा, उज्जवला, सौभाग्य, आवास योजना जैसी
तमाम अन्य योजनाओं के साथ उतरने वाली थी।मोदी सरकार को घेरने के लिए विपक्ष भी
पूरी तैयारी में था।क्योंकि किसानो के मुद्दे,रोजगार,राफेल और राम मंदिर जैसे तमाम
मुद्दों पर बीजेपी बैकफुट पर आ गयी थी।कहा जाने लगा था कि यदि बहुमत नहीं आता है
तो मोदी की जगह गडकरी को प्रधानमंत्री बनाया जा सकता है।इस प्रकार की चर्चा सियासी
गलियारों में शुरु हो गई थी।
लेकिन 14 फरवरी को पुलवामा हमले के बाद सभी समीकरण बदल गए। पुलवामा में
आतंकी हमले को लेकर जिस प्रकार से मोदी सरकार ने कड़ा एक्शन लिया उससे सरकार के
प्रति जनता में संतोष भी देखने को मिला और विपक्ष के माथे
पर बल भी। यही वजह है कि विपक्ष लगातार अपनी रणनीति बदलता नजर आ रहा है।
अंतत: इसमें कोई शक
नहीं है कि बीजेपी के खेमें में येदियुरप्पा और जूता मार जैसे नेताओं के कड़वे बोल,आचरण
बंद रहे तो विपक्ष के वी.के.हरिप्रसाद,सिद्दू,कपिल सिब्बल,और दिग्विजय सिंह जैसे
दुर्घटना वाले नेता कोई कोर कसर नहीं छोड़ेंगे 2019 में मोदी सरकार बनवाने
में.....!!!