Tuesday, 25 December 2018

वार्षिक राशिफल 2019 कर्क राशि



कर्क राशि विशेष : कर्क राशि के जातकों के लिए वर्ष 2019 में 16 अप्रैल के बाद आर्थिक स्थिति के लिहाज से सुखद संयोग बनेगा । जमीन या मकान में कर्क राशि वाले निवेश भी करेंगे ।
मित्रों कर्क राशि का स्वामी चंद्रमा है।इस लिहाज से कर्क राशि वाले आस्थावान और आध्यात्मिक होते हैं।वहीं जो कार्य ये प्रारंभ करते हैं उसे पूरा भी अवस्य करते हैं।देखा गया है कि इस राशि वाले धार्मिक गुरु,कथावाचक विद्यालय संचालन करने वाले होते हैं।
सियासत के लिए यह कर्क राशि बहुत अनुकूल है वहीं बैंकिंग,मीडिया,सिविल सेवा तथा न्यायिक सेवा में उच्च पदों को प्राप्त करने वाले होते हैं।आपको बता दें कि गुरु और चंद्रमा परम मित्र है और मीन तथा धनु राशियां परम मित्र राशियां हैं।कर्क राशि का शुभ रत्न मोती होता है।
कर्क राशि वार्षिक स्वास्थ्य फल -
कर्क राशि के जातकों के स्वास्थ्य सुख में राहु थोड़ी बाधा उत्पन्न कर सकता है। फरवरी से अप्रैल तक स्वास्थ्य के प्रति सचेत रहने की जरुरत है।श्वांस के मरीजों के लिए मार्च,मई तथा जून का महीना दुखदायी हो सकता है सावधान रहें।स

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कर्क राशि वार्षिक करियर फल -
साल 2019 में छात्र सफलता अर्जित करेंगे। विदेश जाने के भी योग हैं। मैनेजमेंट और आई टी की पढ़ाई करने वालों के लिए अप्रैल के बाद का समय बेहतर है । 16 मार्च से 15 अगस्त के बीच प्रमोशन और नौकरी में परिवर्तन का योग बन रहा है।मीडिया से संबंधित जातक फायदे में रहेंगे ।
कर्क राशि वार्षिक लव लाइफ,दाम्पत्य जीवन फल –
प्रेम संबंध सफल रहेंगे । वैवाहिक जीवन भी सुखद  होगा।जीवन साथी के स्वास्थ्य के प्रति सजग रहें ।प्रेम संबंध साल 2019 में परिणय सूत्र में बंधेंगे,जिसके लिए जनवरी से 15 फरवरी और फिर मई से जुलाई का समय शानदार रहने वाला है ।

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कर्क राशि वार्षिक आर्थिक स्थिति फल -
वर्ष 2019 के प्रारंभ के दो महिने धन का व्यय करने वाले हैं । लेकिन 16-17 अप्रैल के बाद धन प्राप्ति का सुंदर सुखद संयोग बन रहा है । जमीन जायदाद से संबंधित कार्यों में निवेश करेंगे ।कुल मिलाकर पिछले वर्षों की तुलना में आर्थिक दृष्टि से 2019 बेहतर रहेगा।
कर्क राशि वार्षिक शुभ समय फल -
15 मार्च से 17 जून। जुलाई से नवंबर का समय बहुत शानदार रहेगा। मार्च तक हेल्थ प्रॉब्लम रह सकती है।

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कर्क राशि वार्षिक उपाय
भगवान शिव की उपासना करें। शिववास शुभ मुहूर्त में रूद्राभिषेक निरंतर कराते रहें। राहु से संबंधित कोई पूजा भी करवाना बेहतर होगा।श्री विष्णुसहस्त्रनाम का प्रतिदिन पाठ करें। मोती धारण करना शुभ रहेगा साथ ही हर सोमवार को अन्नदान जरुर करें।
शुभ रंग- सफेद,पीला,लाल

वार्षिक राशिफल 2019 मिथुन राशि


मिथुन राशि विशेष- मिथुन राशि के जातकों के लिए साल 2019 में अप्रैल का माह शानदार रहेगा। संभावना है अप्रैल से नवंबर तक कई बड़े नवीन कार्य आप करेंगे।लेकिन जनवरी से फरवरी तक का समय संघर्ष भरा रहेगा।
साथियों हम जानते हैं कि मिथुन राशि का स्वामी बुध होता है।जिसका गुण है कि इस राशि के लोग बड़े ही मृदुभाषी होते हैं। क्योंकि बुध वाणी का कारक ग्रह है। बुध उच्च कोटि का मैनेजमेंट स्किल देता है। इस राशि के जातकों के संबंध में कहा जाता है कि उनमें कुशाग्र बुद्धि होती है और उनका व्यक्तित्व विशाल होता है।मिथुन राशि वाले खासकर बैंकिंग, मैनेजमेंट, मीडिया, टीचिंग, लॉ और मेडिकल के क्षेत्र में शानदार सफलता अर्जित करते हैं।जैसे कि कन्या राशि का भी स्वामी बुध है तो इस राशि के लोगों की तुला,वृष,मकर तथा कुंभ राशि वालों से संबंध मधुर होते हैं ।

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मिथुन राशि वार्षिक स्वास्थ्य फल -
मिथुन राशि वालों का स्वास्थ्य बेहतर रहने की उम्मीद है।थोड़ी स्किन की समस्या हो सकती है।सावधानी रखें खासकर मार्च,जून और नवंबर के महीने में।
मिथुन राशि वार्षिक करियर फल -
विद्यार्थी इस साल प्रगति की राह पर अग्रसर होंगे । प्रतियोगी परीक्षाओं में मनवांछित सफलता मिलेगी। प्रबंधन और तकनीकी से जुड़े छात्रों के लिए बहुत अच्छा समय रहेगा । रोजगार के क्षेत्र में उन्नति और तरक्की मिलेगी। विदेश यात्रा के योग हैं। मार्च से मई तथा फिर जून से जुलाई का समय प्रोन्नति या नौकरी परिवर्तन करने का है। मीडिया क्षेत्र से जुड़े लोगों को नए अवसर मिल सकते हैं। प्रशासनिक और राजनीति सेवा से जुड़े लोगों को नए नए अवसर मिलने का योग है ।
मिथुन राशि वार्षिक लव लाइफ और दाम्पत्य जीवन फल -
प्रेम संबंधों के लिए वर्ष 2019 बहुत अच्छा रहेगा। फरवरी से अप्रैल तक का समय प्रेम ,विवाह में बदल सकता है । आपका दाम्पत्य जीवन सामान्य रहेगा । मई,जून थोड़ी समस्या खड़ी करेगा लेकिन आपसी सामंजस्य से सब ठीक रहेगा ।

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मिथुन राशि वार्षिक आर्थिक स्थिति फल -

जनवरी से अप्रैल तक थोड़ा खर्च रहेगा लेकिन मई से जुलाई में स्थिति सामान्य हो जाएगी । संभावना है कि 2019 में आप अपना मनपसंद वाहन खरीद सकते हैं। जमीन या मकान में निवेश करने के भी प्रबल योग हैं। आपकी आर्थिक उन्नति के लिए अक्टूबर के बाद का समय बेहतर रहेगा।
मिथुन राशि वार्षिक शुभ समय फल -
2019 में आपके लिए अप्रैल सर्वोत्तम माह रहेगा । वहीं अप्रैल से नवंबर तक अच्छे कार्य के संकेत मिल रहे हैं । जनवरी, फरवरी संघर्ष दिखा रहा है।शिक्षा के क्षेत्र में छात्रों के लिए मार्च से जून तक का समय अच्छा है।
मिथुन राशि वार्षिक उपाय फल -
मिथुन राशि वाले श्री विष्णुसहस्त्रनाम का पाठ नित्य करें। प्रतिदिन प्रातः ब्रम्ह मुहूर्त में श्री रामरक्षास्तोत्र का पाठ करें जिससे भय और कष्टों से मुक्ति मिलेगी। बुधवार को गो माता को पालक जरुर खिलाएं।लंबोदर भगवान श्री गणेश जी को दूर्वा चढ़ाएं।मूंग की दाल का दान करें और पन्ना धारण करें। शुभ रंग-हरा,नीला,सफेद

वार्षिक राशिफल 2019 वृषभ राशि



वृषभ राशि विशेष :  वृषभ राशि के जातक वालों के लिए वर्ष 2019 बड़ा टर्निंग प्वाइंट वाला होगा। मार्च से जुलाई तक उन्नति और प्रोन्नति के  बेहतर अवसर मिलेंगे । विदेश जाने के बेहतर अवसर मार्च से जून तक मिल सकते हैं।
मित्रों वृषभ राशि का स्वामी शुक्र है।सुंदर शरीर और आकर्षक व्यक्तित्व के धनी होते है वृषभ राशि के जातक। रचनात्मकता इनमें भरपूर मात्रा में होती है।वृषभ राशि के जातक बेहद सफल कलाकार और पत्रकार होते हैं।वृषभ राशि वाले राजनीति और प्रशासनिक सेवाओं में भी बहुत सम्मान और प्रतिष्ठा की प्राप्ति करते हैं। ये अच्छे शासक और प्रशासक होते हैं।वर्ष 2019 इनके जीवन बड़ा बदलाव लेकर आएगा।
वृषभ राशि वार्षिक स्वास्थ्य फल -
वृष राशि के जातकों को शनि की ढैया से स्वास्थ्य संबंधी परेशानी हो सकती है। बीपी और शुगर वाले सावधान रहें ।वर्ष के प्रारंभ से जुलाई माह तक स्वास्थ्य को लेकर ज्यादा सजग रहें।

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वृषभ राशि वार्षिक करियर फल –
इस राशि के छात्र-छात्राएं प्रगति की राह पर अग्रसर होंगे। जॉब में उन्नति के अवसर मिलेंगे। मध्य फरवरी के बाद जॉब बदलने के अवसर भी मिलेंगे।वहीं मार्च से जुलाई के बीच प्रमोशन के अवसर भी मिलते नजर आ रहे हैं। विदेश यात्रा के योग के साथ ही फिल्मी दुनिया में भी सफलता मिल सकती है ।विदेश में कार्य करने के लिए 2019 बेहतर समय लेकर आएगा ।
वृषभ राशि वार्षिक लव लाइफ तथा दाम्पत्य जीवन फल –
प्रेम संबंध बेहतर बने रहेंगे। शनि थोड़ी परेशानी जरुर पैदा करेंगी लेकिन आपके आपसी सामंजस्य से वैवाहिक जीवन सुखमय रहेगा।

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वृषभ राशि वार्षिक आर्थिक स्थिति फल – 
धन का सोच समझ कर करें उपयोग क्योंकि जनवरी से मार्च तक धन खर्च का योग बन रहा है ।संयोग बेहतर बन रहे हैं चल अचल संपत्ति के साथ ही धन प्राप्ती के योग बनते नजर आ रहे हैं।संभावना ऐसी है कि शनि आपके धन का व्यय बिमारी में करा सकता है। व्यवसाय के नजरिये से 2019 सफल रहेगा। सितम्बर से नवंबर तक धन प्राप्ति का प्रबल योग बन रहा है।
वृषभ राशि वार्षिक शुभ समय फल –
आर्थिक दृष्टि से वर्ष 2019 अप्रैल से जून और फिर सितंबर से नवंबर तक आपका समय बेहतर है, शानदार है।वहीं मार्च तक विशेष सावधानी बरतने की जरुरत है क्योंकि शनि की ढैया की वजह से सेहत खराब हो सकती है।
 वृषभ राशि वार्षिक उपाय फल –
वृषभ राशि के जातक शुक्रवार को श्री सूक्त का पाठ अवश्य करें। सुगंधित इत्र का प्रयोग भी करें। शनि की ढैया से बचने के लिए प्रत्येक शनिवार को सुन्दरकाण्ड का पाठ करें। हीरा या ओपल धारण करें।पीपल की पूजा करें। शुक्र के बीज मंत्र का जप करें।शुभ रंग-सफेद, हरा,नीला

वार्षिक राशिफल 2019 मेष राशि



मेष राशि विशेष- जनवरी के मध्य से मार्च तक का समय सामान्य रहेगा,लेकिन अप्रैल समय बहुत ही अच्छा और अनुकूल रहेगा। सितंबर और अक्टूबर का समय सामान्यतौर पर ठीक रहेगा लेकिन संयम और समझदारी से कार्य करें ।
मित्रों मेष राशि सभी बारह राशियों में पहली राशि है।जिसका स्वामी ग्रह मंगल है ।आपको बता दें कि मंगल हमारे आत्मबल में वृद्धि का कारक ग्रह है। मंगल हमे जमीन प्रदान करने वाला ग्रह है। मंगल की कृपा से हमें चल और अचल संपत्ति प्राप्त होती है। मेष राशि के जातकों की विशेषता है कि इनका शरीर सुंदर और जीवन में सफल इनके कदम चूमती है।मेष राशि के जातक खासकर सरकारी सेवा जैसे सिविल सेवा, सेना,पुलिस,राजनीति,प्रबंधन के साथ ही प्रापर्टी से संबंधित व्यवसाय से जुड़े होते हैं। सफलता वर्ष 2019 में मेष राशि के जातक के कदम चूमेगी।रोजगार और व्यवसाय में सफल हासिल के प्रबल योग हैं ।कुल मिलाकर साल 2019 सफलता नए नए मार्ग प्रशस्त करेगा ।
मेष राशि वार्षिक स्वास्थ्य फल -
वर्ष 2019 स्वास्थ्य के नजरिये से बेहतर रहने की उम्मीद है।ध्यान रखें कि मंगल रक्त विकार देता है।ऐसे में ब्लड प्रेशर तथा शुगर के रोगी सावधान रहें।विशेषकर अप्रैल से जून तक का समय स्वास्थ्य के प्रति खास सावधानी बरतने का है।


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मेष राशि वार्षिक करियर फल –
वर्ष 2019 रोजगार में उन्नति का है। मनोरंजन के क्षेत्र खासकर फिल्म,टीवी मीडिया,के साथ ही मैनेजमेंट और वकालत के क्षेत्र से जुड़े लोग सफलता के नए नए कदम चूमेंगे। संभव है इस वर्ष रोजगार परिवर्तन करें। प्रशासनिक सेवा से जुड़े जातक सफलता की सर्वोच्चता पाएंगे। अप्रैल से जुलाई तक का समय थोड़ा संघर्ष का है लेकिन सितंबर से दिसंबर तक का समय बहुत ही शानदार है।मेष राशि के जातक यदि कार्य क्षेत्र बदलना चाहते हैं तो मार्च से जून तक का समय उपयुक्त है।
मेष राशि वार्षिक प्रेम संबंध तथा दाम्पत्य जीवन फल -
वर्ष 2019 में आपका प्रेम संबंध बहुत ही मधुर रहेगा। इस वर्ष के प्रारंभ से मार्च तथा अप्रैल से जून के मध्य तक प्रेम विवाह संभव है।जो सुखमय वैवाहिक जीवन बना रहेगा ।

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मेष राशि वार्षिक आर्थिक स्थिति फल-
मेश राशि के जातकों के लिए वर्ष 2019 धन की प्राप्ति के बुत शुभ है। संभव है इस वर्ष आप जमीन या मकान की खरीददारी करें। साल के मध्य और अंत में धनागमन के नए नए रास्ते बनते नजर आ रहे हैं।
मेष राशि वार्षिक शुभ तथा अशुभ समय फल-
संभव है जनवरी के मध्य से मार्च तक का समय इस राशि के जातकों का मध्यम रहे। अप्रैल से समय बहुत ही अच्छा है।
मेष राशि वार्षिक विशेष उपाय-
मेष राशि के जातक मंगल के बीज मंत्र का जप अवश्य करें।श्री हनुमान जी महाराज की नित्य उपासना करें। मंगलवार को व्रत जरुर रहें और साथ ही बहते जल में तांबा प्रवाहित करें और गेहूं का दान करें।हनुमान जी महाराज कल्याण करेंगे।
शुभ रंग- पीला,सफेद,लाल


Wednesday, 28 November 2018

श्रीराम मंदिर।।हे सियासी लोगों हमारी आस्था को मुद्दा ना बनाएं



संदीप कुमार मिश्र: भारत विभिन्न सभ्यता और संस्कृति को अपने में समाहित किया हुआ विश्व गुरु है, जहां विविध प्रकार की बोली, भाषा, धर्म को मानने वाले लोग बड़े ही प्रेम से शांति सद्भाव के साथ रहते हैं।
लेकिन अफसोस कि सियासत की आधुनिक शैली ने देश का मिजाज बदल कर रख दिया है,मिजाज भी ऐसा बदला कि दिन प्रतिदिन बिगड़ता ही जा रहा है, क्योंकि कभी विचारधारा और प्रवृति पर कटाक्ष और प्रहार हुआ करता था जो अब व्यक्ति पर आके टिक गया है।
दरअसल ऐसा करने से समाज बंटता सा नजर आता है और जिसका लाभ सियासी पार्टियां चुनावों में उठाकर सत्ता पर काबिज होती है।लेकिन इसका सबसे बड़ा नुकसान विघटित होते समाज को उठाना पड़ता है।रोटी और रोजगार पर जनता चर्चा ना करे यही तो सियासतदां भी चाहते हैं और ऐसा करने में कुछ हदों तक सफल भी हो जाते हैं।

अब श्रीराम मंदिर मुद्दे को ही ले लें,लगातार सियासी तपिश से रोज अखबार, न्यूज चैनल भरे पड़े हैं,लोगों की जुबान पर भी यही चर्चा है।जिसका भरपूर फायदा सियासी पार्टियां उठा रही हैं।आखिर क्यूं ?
कौन नहीं जानता कि अयोध्या के राजा मर्यादापुरुषोत्तम भगवान श्रीराम ही हैं।कौन नहीं जानता कि कन्हैया की जन्मस्थली मथुरा ही है।वेद ग्रंथ जिनका यश गाते हैं जिनकी महिमा का बखान करते हैं,जिन्हें आदर्श चरित्र प्रस्तुत कर समाज को जोड़ने का कार्य करते हैं।ऐसे प्रभु श्रीराम का जन्म अवधधाम यानी अयोध्या में ही हुआ था।

मैं किसी की आलोचन या फिर किसी समुदाय पर उंगली नहीं उठाना चाहता हूं क्योंकि जो कलम भाव राग और ताल के लिए ना चले वो अपने आप को भारतीय कहने का अधिकारी नहीं है और मैं पूर्णत: भारत माता की संतान हूं ये मैं अवश्य कह सकता हूं।
अयोध्या एक धार्मिक और सांस्कृतिक नगरी है जिसकी पहचान श्रीराम से शुरु और सम्पन्न दोनो है।हिन्दुओं की आस्था के मर्यादित चरित हैं भगवान श्रीराम।जिनका आदर इस देश के जन जन को करना चाहिए और मंदिर निर्माण में सहयोग करना चाहिए।

देश में सरकारों और संगठनो को घेरने के लिए मुद्दों की कमी नहीं है ऐसे में आस्था को मुद्दा ना बनाकर मंदिर निर्माण के लिए कदम बढ़ाना चाहिए।।जय श्री सीताराम।।

Saturday, 10 November 2018

chhath puja, 2018:जानिए छठ महापर्व की मुख्य तिथियां



संदीप कुमार मिश्र: चार दिनों तक चलने वाले सूर्य उपासना के महापर्व की शुरुआत नहाय खाय से होती है और समापन उगते हुए सूर्य को अर्ध्य देने से संपन्न होती है।छठ पूजा के इन चार दिनो का विशेष महत्व होता है। इन चार दिनो में व्रती निर्जला उपवास रखेंगे और शाम को पूजा के बाद खीर और रोटी का प्रसाद ग्रहण करेते हैं। अथर्ववेद के अनुसार षष्ठी देवी भगवान भास्कर यानि सूर्य की मानस बहन हैं। प्रकृति के छठे अंश से माता षष्ठी का प्रादुर्भाव हुआ हैं। षष्ठी यानी छठी मईया को बच्चों की रक्षा करने वाले भगवान विष्णु द्वारा रची माया भी कहा जाता है।

इसीलिए जब हमारे घरों में किसी बच्चे के जन्म होता है तो छठे दिन छठी पूजी जाती है, जिससे कि बच्चे के ग्रह-गोचर शांत हो जाएं।

जानिए कब है नहाय-खाए, खरना, सायंकालीन अर्घ्य, प्रात:कालीन अर्घ्य
नहाय-खाए : रविवार 11 नवंबर
खरना (लोहंडा): सोमवार 12 नवंबर
सायंकालीन अर्घ्य: मंगलवार 13 नवंबर
(सूर्य योग में भगवान भास्कर को पहला अर्घ्य 13 नवंबर को)
प्रात:कालीन अर्घ्य: बुधवार 14 नवंबर

                            

chhath puja 2018 : 11 नवम्बर से नहाय- खाए के साथ शुरू होगी सूर्य उपासना का महापर्व छठ पूजा



संदीप कुमार मिश्र: सूर्य उपासना का महापर्व है छठ पूजा साथ ही प्रकृति और आस्था का महापर्व भी है 'छठ पूजा'।जिसकी शुरुआत नहाय-खाए के साथ शुरू होगा जिसकी धूम अगले चार दिनों तक रहेगी।11 नवम्बर रवीवार को नहाय खाए, सोमवार यानी 12 नवंबर को लोहंडा-खरना और मंगलवार 13 नवंबर की शाम भगवान भास्कर को पहला संध्याकालीन अर्घ्य और बुधवार 14 नवंबर को प्रात:कालीन अर्घ्य देकर छठ पूजा का महापर्व संपन्न होगा।
सूर्य उपासना का ये महापर्व पूर्वी भारत खासकर बिहार,यूपी के अलावा अलावा देश के अन्य राज्यों में मौजूद पूर्वी भारत के लोग बड़े ही भक्तिभाव के साथ मनाते हैं।
सूर्य उपासना के महापर्व पर व्रती रखते हैं 36 घंटे का निर्जला व्रत
छठ पूजा का व्रत बड़ा ही कठीन होता है,इसमें व्रती 36 घंटे तक निर्जला व्रत रहते हैं। इस बार छठ महापर्व के चार दिवसीय अनुष्ठान में ग्रह-गोचरों का शुभ संयोगों बन रहा है।एकतरफ जहां
रविवार को नहाय-खाए पर सर्वार्थसिद्धि का योग बन रहा है तो वहीं मंगलवार 13 नवंबर को सायंकालीन अर्घ्य पर अमृत योग का संयोग है साथ ही प्रात:कालीन अर्घ्य पर बुधवार की सुबह छत्र योग का भी संयोग बन रहा है।ऐसा कहा जाता है कि सूर्य भगवान को अर्घ्य देने से कई जन्मों के पाप नष्ट हो जाते हैं।

छठ पूजा करने वाला निम्न बातों का अवश्य ध्यान रखें-
छठ पूजा करने वाले व्रती को पीतल या ताम्बे के पात्रों से ही सूर्य भगवान को अर्घ्य प्रदान करना चाहिए।पीतल के पात्र से ही दूध का अर्घ्य देना चाहिए।कहते हैं कि छठ महापर्व शरीर ,मन और आत्मा की शुद्धि का महापर्व है।ऐसी धार्मिक पौराणिक मान्यता है कि नहाए-खाए से सप्तमी के पारण तक छठी मईया की अपने भक्तों पर विशेष कृपा बरसती है जो मनसा,वाचा, कर्मणा श्रद्धापूर्वक व्रत करते हैं।




Saturday, 3 November 2018

धनतेरस 2018: 5 रुपये का 6 सामान धनतेरस पर खरीदें,धन की नहीं होगी कभी कमी



1 पान का पत्ता
धनतेरस पर पूजा की सामग्री में पान का इस्तेमाल जरुर करें।पान के पत्ते में देवताओं का वास माना जाता है।धनतेरस और दीपावली की पूजा में पान के पत्ते का इस्तेमाल शुभ है।पान के पत्ते से ही पूजा का संकल्प किया जाता है।
2 सुपारी है शुभ
धनतेरस की पूजा में सुपारी का इस्तेमाल जरुर करें।सुपारी को ब्रम्हदेव,यमदेव,वरुण देव और इईंद्रदेव का प्रतीक माना जाता है।धनतेरस  के दिन पूजा में प्रयोग की गई सुपारी को तिजोरी या अलमारी में रखना लाभदायक माना गया है।इससे आपके जीवन में कभी धन-धान्य की कमी नहीं होती है।

3 साबुत धनिया
धनतेरस के दिन साबुत धनिया मां लक्ष्मी और भगवान धनवंतरी के चरणों में अर्पित करें। बाद में धनिये को बगीचे में बो दें और कुछ धनिये को तीजोरी में रख दें।
4 बतासा
बतासा माता लक्ष्मी का प्रिय भोग है।महालक्ष्मी की पूजा में बतासे का प्रयोग जरुर करें।धनतेरस के दिन महालभ्मी को बतासे का भोग अवश्य लगाएं और अपनी समस्याएं मां को जरुर बताएं।ऐसा करने से आपकी समस्याओं का समाधान हो जाएगा।
5 दीप
धनतेरस के दिन से ही दिवाली का प्रारंभ हो जाता है,हर दिन घर के बाहर 5 दीपक जरुर जलाएं।ऐसा करने ये यमदेव प्रसन्न होते हैं और अकाल मृत्यु का भय दूर होता है।
6 कपूर
कपूर से माता लक्ष्मी,भगवान कुबेर और भगवान धनवंतरी की पूजा करें।कपूर से मन शांत होता है और इसकी महक से पूजा स्थल पवित्र हो जाता है,घर की नकारात्मकता दूर होती है और सकारात्मकता बढ़ती है और स्वास्थ्य बेहतर होता है।





Diwali 2018: दीपावली की रात करें ये 6 अचूक उपाय,सालभर रहेगी मां लक्ष्मी की कृपा



दीपावली पर बरसेगी आप पर माता लक्ष्मी की कृपा
होगी आपके घर में धन वर्षा
जानिए क्या करें उपाय
जिससे आप हो जाए मालामाल
उपाय नंबर 1
तिजोरी में रखें ये सामान
दीपावली की रात एक आंवला पर सिंदूर लगाएं और उस पर लाल चुनरी चढ़ाएं।इसे माता लक्ष्मी के सामने रखकर ऊं विष्णुप्रिया नम: ‘ का कमल गट्टे की माला से पांच बार जप करें।फिर आंबले को तिजोरी या धन रखने के स्थान पर रख दें। धन की कभी कमी नहीं होगी।
उपाय नंबर 2
इस महामंत्र का करें जाप
दीपावली की रात चांदी का सिक्का या फिर कोई भी चीज गुलाबी रंग के रुमाल में लपेटकर लक्ष्मी जी को अर्पित कर दें और ऊं महालक्ष्म्यै मंत्र का पांच बार जप करें और पूजन धूप के बाद तिजोरी या फिर आलमारी में रख दें।
उपाय नंबर 3
धन की समस्या होगी दूर
धनतेरस या दीपावली के दिन तीन झाड़ू खरीदें।और अगले दिन प्रात: घर के पास के किसी मंदिर में ले जाकर रख दें।इस बाद ता ध्यान रखें कि आपको कोई देख ना ले।इस उपाय से धन संबंधित सभी परेशानियां दूर हो जाएंगी।
उपाय नंबर 4
इलायची का इस तरह से करें प्रयोग
दिवाली के दिन एक शहद की शीशी में 7 छोटी  इलायची और थोड़ा सा केसर के दाने डाल लें।इन सब को छाया में सूखने दें।इसके बाद रोज एक दाना खाएं या बनते भोजन में डालकर पूरे परिवार को खिलाएं।इसको खाते वक्त लक्ष्मीजी का जप करते रहें।ऐसा करने से सभी समस्याएं दूर हो जाएंगी।
उपाय नंबर 5
घर में होगा लक्ष्मी की वास
दीपावली वाले दिन खीर बनाकर एवं जयसुक्त नारियल दोनो को लेकर पूरे घर में घुमाएं।इसके बाद मुख्य द्वार पर नारियल तोड़ दें। खीर कुत्ते को खिलाएं।इस उपाय से घर में होगा लक्ष्मी का वास और केतु का अशुभ प्रभाव भी दूर होगा।
उपाय नंबर 6
दीपावली की रात जलाएं अखंडित दीप
दीपावली के शाम पूजन के समय लक्ष्मी जी के सामने एक तेल का और एक देसी घी का दीप जलाएं।कोशिश करें कि यह दीप अखंडित जलता रहे।इसके साथ जितना हो सके माता लक्ष्मी के बीज मंत्र ओम ह्रीं श्रीं महालक्ष्मीयै नम:’ का जप करें।इससे दुर्भाग्य दूर होता है और घर में लक्ष्मी का वास होता है।