Monday, 9 March 2020

होली पर बन रहा शुभ संयोग,499 वर्ष बाद मकर में शनि और धनु राशि में गुरु।जानिए होलिका दहन का शुभ मुहूर्त



संदीप कुमार मिश्र- क्या आप जानते हैं कि होली इस बार क्यों है बेहद खास ? दरअसल ज्योतिष शास्त्र के अनुसार पूर्व में वर्ष 1521 के बाद 2020 में 9 मार्च को गुरु अपनी धनु राशि में और मकर राशि में शनि ग्रह रहेंगे।इसी शुभ संयोग के कारण होली जनसामान्य के लिए मंगलदायक रहेगा। यानी 499 वर्ष पूर्व होली के दिन दोनों ग्रहों के अपनी-अपनी राशियों में होने के कारण इस प्रकार कासंयोग बना था।

सबसे अच्छी बात ये है कि होलिका दहन के समय इस वर्ष भद्राकाल की कोई बाधा नहीं रहेगी। फाल्गुन माह की पूर्णिमा यानी होलिका दहन के दिन भद्राकाल सुबह सूर्योदय से शुरू होकर दोपहर करीब डेढ़ बजे ही खत्म हो जाएगा। इस तरह शाम को प्रदोष काल में यानी शाम 6:30 से 7:20 तक किया जा सकेगा। वहीं पूर्णिमा तिथि रात 11 बजे तक रहेगी।

9 मार्च 2020 को होगा होलिका दहन, जानिए होलिका दहन की विधि
होली पर 9 मार्च को सोमवार व पूर्वाफाल्गुनी नक्षत्र होने के चलते ध्वज योग रहेगा, जो सभी राशियों के जातकों को यश-कीर्ति और मनोवांछित फल देने वाला होगा।वहीं दूसरी तरफ सोमवार को पूर्णिमा तिथि होने के कारण चंद्रमा का अत्यधिक प्रभाव रहेगा।हम जानते हैं कि सोमवार को चंद्रमा का दिन माना गया है। होली पर स्वराशि स्थित गुरु की दृष्टि चंद्रमा पर रहेगी, जिससे गजकेसरी योग का प्रभाव रहेगा।
इसलिए तिथि-नक्षत्र और ग्रहों की विशेष स्थिति में होलिका दहन पर मानव शरीर से रोग, शोक और दोष का नाश होगा और  शत्रुओं पर विजय प्राप्त होगी। होली पर शुक्र मेष राशि, मंगल और केतु धनु, राहु मिथुन, सूर्य और बुध कुंभ और चंद्र सिंह राशि में रहेगा। ग्रहों के इन योगों में होली आने से यह शुभ फल देने वाली रहेगी।
होलिका पूजन मुहूर्त
भद्रा अवधि में शुभ योग : सुबह 10.16 से 10.31 बजे तक
भद्रा पश्चात लाभामृत योग : दोपहर 1.13 से शाम 6.00 बजे तक।
होलिका दहन मुहूर्त
कुल अवधि : शाम 6.22 से रात 11.18 बजे तक।
शुभ मुहूर्त : शाम 6.22 से रात 8.52 बजे तक।
प्रदोष काल विशेष मंगल मंगल मुहूर्त : शाम 6.22 से शाम 7.10 बजे तक।
इस वर्ष होलिका दहन पूर्वाफाल्गुनी नक्षत्र सिंह राशि में होगा। सायं 6:44 से रात्रि 9:02 तक का समय होलिका दहन के लिए सर्वोत्तम है।

किसानों के लिए भी शुभ
इस बार पूर्णिमा सोमवार को पड़ रही है। गुरु और शनि इस बार सूर्य के नक्षत्र में उतराषाढ़ा में रहेंगे। पूर्णिमा सोमवार को पड़ने के कारण पूर्वा पर्व नक्षत्र के बाद उत्तरा पर्व नक्षत्र है। इसमें होलिका पड़ने से कार्य क्षेत्र में वृद्धि की उपलब्धि होगी, साथ ही सोम्य योग होने के कारण किसानों के लिए होली अच्छी रहेगी।