Tuesday 27 August 2019

G 7 में मोदी-ट्रंप मुलाकात से पाकिस्तान में महसूस हुए झटके!इमरान खान की दिमागी हालत खराब..!




संदीप कुमार मिश्र: अनुच्छेद 370 रुपी कोढ़ को जो भारत पिछले 72 सालों से ढो रहा था...उसे युवा भारत के सशक्त प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने अपने दूसरे कार्यकाल शुरु होते ही एक झटके में खत्म कर दिया...जिससे पाकिस्तानी प्रधानमंत्री जो ISI और ARMY के रिमोट से संचालित होते हैं उनका गुस्सा सातवें आसमान पर चढ़ गया...वो अचानक कोमा में आ गए...ऐसे ही बेचारे इमरान गधे-घोड़े बेचकर काम चला रहे थे...लेकिन 370 हटने से उनके आकाओं ने उन्हें और डंडा दे दिया जिससे उनके झटके बढ़ गए...

पाक के आका जिस-जिस मुल्क में कश्मीर मुद्दे को लेकर गए वहीं उल्टे पांव वापस आना पड़ा...लेकिन आदत वही बनी रही कुत्ते की पूंछ की तरह...जनाब इमरान की हालात तब और खराब हो गयी जब G7 समिट में डोनाल्ड ट्रंप गके सामने ये कह दिया कि कश्मीर हमारा आंतरिक मामला है हम सुलझा लेंगे...जिसका भरपूर समर्थन ट्रंप ने भी कर दिया...

यकिन मानिए प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और अमेरिकी राष्ट्रपति डोनल्ड ट्रंप की इस मुलाकात के झटके पाकिस्तान के रोम रोम में महसूस किए गए और इमरान खान तो ऐसे पागल हुए कि धमकी भरा बयान देने लगे कि कश्मीर पर हम किसी भी हद तक जाएंगे और अगर जंग हुई तो दोनो दोनों देशों के पास परमाणु हथियार हैं , तबाही का असर पूरी दुनिया पर होगा”…

दरअसल हम सब जानते हैं कि जब से कश्मीर से अनुच्छेद 370 हटा है तब से कई बार इमरान खान से लेकर उनके सरकार के कई मंत्री भारत को धमकी और चेतावनी दे चुके हैं... और पाकिस्तान से बयानों का सिलसिला जारी है क्योंकि ट्रंप के सामने मोदी के साफ रुख के बाद उनकी हालत खिसियानी बिल्ली खंभा नोचे वाली हो गई है....

काश पाकिस्तान ये समझ जाता कि कश्मीर पर चर्चा करना पत्थर पर सिर फोड़ने जैसा है...कश्मीर भारत का मस्तक है और भारत अपना मस्तक कभी झुकने नहीं देगा...


Monday 5 August 2019

कश्मीर से 370 हटने के बाद होगा क्या ?



संदीप कुमार मिश्र- देश का मुकुट मणी है कश्मीर।अब जब संसद में 370 हटाने का प्रस्ताव देश को गृह मंत्री ने पेश कर दिया और जम्मू-कश्मीर से लद्दाख को अलग कर दिया और दोनो को केंद्र शासित प्रदेश घोषित कर दिया।अब आगे क्या ? इससे क्या फायदा होगा ?

दरअसल अब देश के अन्य हिस्सों से बाहरी लोग जम्मू कश्मीर में काम-धंधा कर सकेंगे।अब तक जम्मू-कश्मीर में वोट का अधिकार सिर्फ वहां के स्थाई नागरिकों को ही था लेकिन अब दूसरे राज्यों के लोग भी यहां वोट कर सकेंगे।इतना ही नहीं 370 के हटने से चुनाव में उम्मीदवार भी बन सकते हैं।कहने का मतलब देश का कोई भी नागरिक जम्मू-कश्मीर में सरकारी नौकरी पा सकता है।अन्य राज्यों की तरह देश के किसी भी हिस्से का आम भारतीय नागरिक कश्मीर में जमीन खरीद सकता है मतलब वहां बस सकता है।

इसके इतर 370 हटने से देश का कोई भी नागरिक जम्मू-कश्मीर में शिक्षा अध्ययन के लिए स्कॉलरशिप हासिल कर सकता है साथ ही सुप्रीम कोर्ट का आदेश भी जो पहले जम्मू-कश्मीर में सीधे नहीं लागू होते थे वो अब लागू होंगे।साथ ही भारत के किसी भी हिस्से,प्रदेश का नागरिक अब कश्मीर में स्थायी तौर पर रह सकता है, अचल संपत्ति खरीद सकता है जो कि 35A की वजह से नहीं हो पा रहा था।

अब जम्मू कश्मीर को केंद्र शासित राज्य बना दिया गया है।जम्मू कश्मीर की विधानसभा अब दिल्ली जैसी विधानसभा होगी। यानि राज्य का हेड गवर्नर होगा।जिसका प्रभाव होगा कि जम्मू कश्मीर की पुलिस सीएम के बजाए राज्यपाल को रिपोर्ट करेगी यानि लॉ एंड ऑर्डर केंद्र के पास होगा।
आपको जानकर हैरानी होगी कि सूचना का अधिकार कानून अब तक जम्मू-कश्मीर पर लागू नहीं था, लेकिन धारा 370 हटने के बाद RTI कानून लागू हो जाएगा।जम्मू कश्मीर में अब तिरंगे का अपमान करना अपराध होगा,जो कि पहले नहीं था।

370 रहने से पहले होता था कि यदि कोई कश्मीरी महिला पाकिस्तान के किसी व्यक्ति से शादी करती थी, तो उसके पति को भी जम्मू-कश्मीर की नागरिकता मिल जाती थी यानी किसी भी पाकिस्तानी को आसानी से जम्मू में रहने का अधिकार मिल जाता था लेकिन अब ये मुमकिन नहीं होगा।इतना ही नहीं जम्मू-कश्मीर की महिला यदि किसी दूसरे राज्य के स्थायी नागरिक से शादी करती हैं तो उसकी और उसके बच्चों के लिए अब कश्मीरी नागरिकता जैसे अड़चने भी नहीं होंगी और सूबे से दोहरी नागरिकता भी खत्म हो जाएगी।

जो भी कानून संसद से पारित होंगे वो अब सीधे जम्मू कश्मीर में भी लागू होंगे।जो कि  अब तक भारतीय संसद के अधिकार जम्मू कश्मीर को लेकर सीमित थे।आपको बता दें कि अब तक विदेश,डिफेंस और वित्तीय मामले को छोड़कर यदि भारतीय संसद कोई भी कानून बनाती थी तो वो वह जम्मू-कश्मीर में लागू नहीं होता था।इस प्रकार के कानून को लागू कराने का प्रावधान पहले था कि संसद द्वारा पारित कानून को जम्मू-कश्मीर राज्य की विधानसभा में पास होना जरूरी होता था। इस प्रकार के उल जूलूल अधिकार राज्य को 370 के तहत ही मिले हुए थे जो कि अब खत्म हो गये हैं।

370 हटने से अब भारतीय संविधान के अनुसार अल्पसंख्यकों को आरक्षण मिलेगा।पहले कश्मीर में अल्पसंख्यक हिंदुओं और सिखों को 16 फीसदी आरक्षण नहीं मिलता था, लेकिन धारा 370 हटने के बाद से लाभ भी मिलना शुरू हो जाएगा।शिक्षा का अधिकार और CAG का कानून भी लागू नहीं था जो अब तत्काल प्रभाव से लागू हो जाएगा।अंतत: राज्य की विधानसभा का कार्यकाल पांच साल का होगा, जो पहले छह साल का था।यानि कि अब एक देश, एक संविधान, एक कानून और एक विधान.....

मोदी सरकार का अपने वादे पर बढ़ता एक और महत्वपूर्ण कदम.... यानी कि सबका साथ सबका विकास और सबका विश्वास....

श्रीनगर में कर्फ्यू का मतलब ?



संदीप कुमार मिश्र- भारत का स्वर्ग कहे जाने वाले श्रीनगर में कर्फ्यू लगा दिया गया है। कश्मीर के तकरीबन सभी नेताओं को नजरबंद कर दिया गया हैं।हमारी सेना और सुरक्षाबलों की गश्त तेज हो गई है।जिससे बेचैन होकर वहां के नेता लगातार ट्वीट कर रहे हैं- माहौल काफी गरम है। उनका कहना है कि-"कुछ बताया नहीं गया उन्हें ! ये जो हो रहा है, वो क्या है और क्यों है, पता नहीं चल रहा है."अब उन्हें कौन कहे कि आपको बताकर क्या हो जाएगा ?और यदि आपको बता ही दिया जाए तो क्या होगा ? आजादी के सात दशक बाद भी अब तक हुआ क्या ? तब तो हर बार बताया गया था न ? लेकिन हुआ क्या,आपकी लगातार धमकियां मिलती रही और पूर्व की हमारी सरकारें सत्ता मद में चूर सोती रही !

आपको ये जानकर हैरानी होगी कि श्रीनगर में एक सिनेमा हॉल तक नहीं है,मॉल तो छोड़ ही दिजिए। शाम होते ही घाटी में सन्नाटा पसर जाता है,70 साल से अधिक हो गये देश को आज़ाद हुए लेकिन वहां के चंद सियासी परिवारों ने धरती के स्वर्ग को नर्क बना दिया है..और यही वजह है कि वो चाहते हैं कि कश्मीर की हालत जस की तस बनी रहे। लेकिन समय ने करवट ली और अब वहां के ज्यादातर लोग जो चाहते हैं कि माहौल बदले वो डर से कुछ कह नहीं पाते।जिस कश्मीर में किसी फौजी को कहीं घेरकर गला काट दिया जाता है, किसी इंफॉर्मर को डुबो डुबोकर मार दिया जाता है और सारा वीडियो वायरल कर दिया जाता है कि जो हिम्मत थोड़ी जुटा रहा होता है, वो डर कर बैठ जाता है – आप कह सकते हैं कि 70 साल से यही होता आया है।

कश्मीर के अलगाववादी नेता जो  भारत के पैसे पर ऐश तो करते हैं, घूमते-फिरते मौज करते हैं, लेकिन गाते पाकिस्तान की हैं।इन कश्मीरी नेताओं की औलादें तो विदेशों में पढती और रहती हैं। लेकिन कश्मीर की आम आबादी के हालात जस के तस हैं। यकिनन वहां के जो फर्जी राजनेता बने बैठे हैं, वो कश्मीर के विशेष अधिकार हनन के नाम पर भोलेभाले कश्मीरीयों में डर बनाकर हालात को खतरनाक बनाए रखने का स्वांग रचते हैं। मुमकिन है नई सरकार मोदी सरकार की अगुवाई में कश्मीर में एक नई भोर हो जिससे वहां के नौजवान को नई दिशा और दशा मिले और आनेवाली नस्ल 21वीं सदी का हिन्दुस्तान देख पाए।