Wednesday 10 October 2018

गुजरात किसी के बाप का नहीं सवा सौ करोड़ हिन्दुस्तानियों का है



संदीप कुमार मिश्र: गुजराती इस बात को भली भांति जानता है कि अप्रवासियों का क्या महत्व है,क्योंकि विश्व के तमाम हिस्सों में गुजराती काम धंधे के लिए अप्रवासी के रुप में रह रहे हैं । काम करना और करवाना ये गुजराती बहुत ही अच्छे तरीके से जानता है।इसलिए गुजरात से किसी गैर गुजराती को पलायन के लिए मजबूर किया जाए और खासकर उस कामगार बिरादरी को जिनसे अर्थव्यवस्था और गुजरात संबृद्ध होता है।ऐसा कतई नहीं हो सकता।

मतलब साफ है राजनीति।सत्ता की छटपटाहट क्या होती है ये बात देश की सबसे पुरानी पार्टी कांग्रेस से बेहतर कौन जान सकता है।सत्ता पाने की यही तड़प देश को एक फिर एक ऐसी आग में झोंकने का काम करने की दिशा में आगे बढ़ रही जैसे 1984 में देश झेल चुका है,इतिहास ऐसी घटनाओं से भरा पड़ा है।एक बार फिर कुछ ऐसा ही देखने को मिल रहा है।

फूट डालो राज करो की नीति पर एक बार फिर काम शुरु हो चुका है और इसके खिलाड़ी और माता पिता कौन रहे हैं देश भलीभांति जानता है।नहीं तो क्या कारण है कि गुजरात जैसे शानदार,शांतिप्रिय राज्य में ऐसी घटना हो जहां से खुद गुजरातीयों का भारी भरकम नुकसान हो।

मेरे परिवार के और मेरे तमाम रिश्तेदार गुजरात में बड़े ही शान से रहते हैं।शानदार काम करते हैं और यहां तक कहते हैं कि भई यहां से तो घर लौटना अब मुश्किल है क्योंकि काम धंधे और रोजगार के लिए गुजरात से बढ़िया देश ही नही विश्व में कोई जगह नहीं है।अहमदाबाद रह रहे मेरे एक भाई ने कहा कि ये सब जो हो रहा है वो कांग्रेस प्रायोजित है,वहीं वापी में रहने वाले एक बड़े भाई ने स्पस्ट कहा कि ये सिवाय राजनीति के कुछ नहीं और यही कांग्रेस की DNA है वरना क्या कारण है कि जो इतने सालों में नही हुआ वो अचानक हो रहा है।एक अन्य बड़े बुद्धिजीवि भले मानुस ने यहां तक कह दिया कि सत्ता पाने के लिए कांग्रेस किसी भी हद तक जा सकती है,संभव है कि 2019 आते-आते कांग्रेस देश के गली-गली में बैमनष्यता का भाव पैदा कर देगी।।

नहीं तो क्या कारण है है कि कांग्रेस का पाला हुआ गुर्गा विधायक अल्पेश ठाकोर खुलेआम बिहारी कामगारों और यूपी के कामगारों को धमकी देता है कि एक हफ्ते में गुजरात छोड़कर चले जाओ नहीं तो घर से निकालकर मारेंगे ।उसे मालुम नहीं कि उत्तर भारतीय अपने पर आ गए तो तुम्हें तुम्हारी जमी पर ही ऐसे उखाड़ देंगे जैसे देस भर से कांग्रेस को उखाड़ कर फेंक दिए।अफसोस तो तब और होता है जब कांग्रेस के तथाकथित युवा अध्यक्ष श्रीमान राहुल गांधी जी अल्पेश ठाकोर को बर्खास्त करने की बजाय बिहार का प्रभारी बना दिया।मतलब साफ है कि एक तरफ भगाओ और दूसरी तरफ सहलाकर सहानुभूति पाओ और सत्ता हासिल करो।शर्म आनी चाहिए ऐसी राजनीति पर।

खैर बीजेपी भी इससे अछूती नहीं हैं। नहीं तो क्या कारण है कि गुजरात की सरकार अल्पेश ठाकोर और ठाकोर सेना के खिलाफ कड़ी कार्यवाही नहीं करते।अल्पेश ठाकोर क्यों अभी तक सलाखों के पीछे नहीं हैं।आखिर देश को बांटने वाले ऐसे खुलेआम कैसे घूम रहे हैं औऱ नफरत का बीज बो रहे हैं।
कान खोलकर सुन लें वो लोग जो देश को बांटने का काम कर रहे हैं कि हिन्दुस्तान सवा सौ करोड़ भारतीयों लोगों का है,किसी अल्पेश ठाकोर के बाप का नहीं है,हम इस देश के किसी भी हिस्से में स्वतंत्र रुप से डंके की चोट पर रहेंगे।किसी की हिम्मत नहीं है कि कोई रोक दे।क्योंकि ये देश संविधान से चलेगा किसी की गुंडई से नहीं।    
       

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